- हमारा देश भारत
भारत का भौगोलिक विस्तार को ध्यान से देखा जाए तो हर कोई अचम्भे में पड़ सकता है, उत्तर में यह हिमालय के ऊँचे शिखरों से घिरा है. पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिन्द महसागर भारतीय महाद्वीप के तटों पर लहरातें हैं.
भारत का कुल क्षेत्रफल 32. 8 लाख वर्ग किमी है, उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक इसका विस्तार 3200 किमी है, तथा पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में कच्छ((गुजरात) तक इसका विस्तार लगभग 2900 किमी है. ऊँचे पर्वत, भारतीय महामरूस्थल, उत्तरी मैदान, असमान पठारी सतह, तटीय भाग, एवं द्वीपसमूह स्थस्थलरूपों की भिन्नता को दर्शाते हैं, यहाँ जलवायु, वनस्पति वन्य जीव के साथ-२ भाषा में भिन्नता है, इस विभिन्नता में भी हम एकता को पाते हैं, जो हमारी परम्पराओं से दिखती है, यही कारण है कि हम एक राष्ट्र में बंधे हैं.
स्थिति
भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। कर्क रेखा (23.३० उत्तर) देश के मध्य भाग, दक्षिण से उतर की ओर भारत की मुख्य भूमि का विस्तार ८.४ डिग्री उ. तथा ३७.६ डिग्री उत्तरी अक्षांशो के बीच है, पश्चिम से लेकर पूर्व तक भारत का विस्तार विस्तार ६८.७ पूर्व तथा 97. २५ पू. देशान्तरों के बीच है, अगर हम विश्व को पूर्व और पश्चिम में बांटे तो भारत कहाँ है? बहुत बड़े देशांतरीय विस्तार लगभग २९ डिग्री के कारण, यहाँ के पूर्व और पश्चिम में दोनों छोरो (गुजरात और अरुणाचल प्रदेश) के स्थानीय समय में लगभग २ घंटे (29 गुणा 4, ग्लोब वाला ब्लॉग पढ़िए https://padhailelo.com/glob-akhansh-aur-desshantar/ ) अंतर हो सकता था.
पश्चिम में गुजरात की अपेक्षा पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में सूर्योदय लगभग दो घंटे पहले होता है {(82.30 पूर्व देशांतर को भारत का मानक समय माना गया है, इस याम्योत्तर को भारत का मानक याम्योत्तर भी कहा जाता है(ग्लोब ब्लॉग }.
भारत के पड़ोसी देश
7 देशों की स्थलीय सीमाएं इसकी सीमाओं से जुडी हैं (अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, एवं म्यांमार) दक्षिण में समुद्र में स्थित दो द्वीप श्रीलंका तथा मालद्वीप भी हमारे पडोसी देश हैं, पाक जलसंधि भारत को श्रीलंका से अलग करती है.
भारत एक विशाल देश है, जिसे कई राज्यों में बांटा गया है जिनका मुख्य आधार भाषा रखा गया है, दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया है, क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य राजस्थान और सबसे छोटा गोवा है.
भौतिक विभाजन
भारत में पाई जाने वाली भौतिक आकृतिया अलग-अलग हैं; जैसे पर्वत, पठार, मैदान, तट तथा द्वीपसमूह, उत्तर में हिमालय, जिसे तीन मुख्य सामान्तर श्रृंखलाओं में बांटा जाता है, सबसे उत्तर में स्थित श्रृंखला को वृहत (बाहरी) हिमालय या हिमाद्रि कहते हैं, इसी श्रृंखला में विश्व की सबसे ऊँची शिखर है, मध्य हिमालय या हिमाचल, हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित है, जहाँ कई लोकप्रिय पहाड़ी स्थान है (कृपया उन्हें ढूंढे ), शिवालिक सबसे दक्षिण में स्थित हिमालय की एक श्रृंखला है ( गंगा का उद्गम हिमालय की कौन सी श्रृंखला में है?).
हिमालय के दक्षिण में भारत का उत्तरी मैदान है, यह समतल तथा सपाट है (मैदानों का निर्माण पृथ्वी की कौन सी गति से होता है पिछला ब्लॉग देखें ), बहुत प्राचीन काल में कभी यहाँ टेसिथ सागर हुआ करता था, जो अब भारत का उत्तरी मैदान कहलाता है, जोकि सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और इनकी सहायक नदियों द्वारा अपने साथ लाये गए, निक्षेपों से बना है.
नदियों के यह मैदान उपजाऊ भूमि के होते है इसलिए इन इलाकों में कृषि अधिक होती है, इसलिए यह भारत की सबसे अधिक जनसँख्या वाले क्षेत्र हैं ( इन राज्यों को खोजें?).
भारत के पश्चिमी भाग में भारतीय महामरुस्थल स्थित है, यह शुष्क,गर्म तथा रेतीला स्थान है, यहाँ वन्सपति की मात्रा बहुत कम है.
उत्तरी मैदानों के दक्षिण में प्राद्वीपिय पठार स्थित है (यही वास्तविक एवं प्राचीन भारतीय भूमि है जो बहुत प्राचीन काल में अफ्रीका महाद्वीप से टूटकर अलग हुई थी, शेष भारत का निर्माण चाहे वह उत्तरी मैदान हो, हिमालय हो, या तटीय मैदान हो, सभी उसके बाद बने हैं ).
इसकी आकृति त्रिभुजाकार है, इसका धरातल ऊँचा नीचा है, इस क्षेत्र में बहुत सी पहाड़ी श्रृंखलाएं तथा घाटियां स्थित हैं, इसके उत्तर पश्चिम में अरावली श्रृंखला स्थित है, जो विश्व की सबसे पुरानी श्रृंखला है (इतनी पुरानी जब धरती पर जीवाश्म या जीव की उत्त्पति नहीं हुई थी, पृथ्वी के जन्म के आरम्भिक कालो में),.
मध्य में विंध्य एवं सतपुड़ा भी प्राचीन श्रृंखलाएं हैं, जिनमे नर्मदा तथा तापी प्राचीनतम नदियाँ बहती हैं (जिनके किनारे पर आधुनिक मानव के पूर्वजों ने अपना विकास किया है), यह पश्चिम की तरफ बहने वाली नदिया हैं जो अरब सागर में गिरती हैं, इस पठार के पश्चिम में पश्चिमी घाट या सह्याद्रि पर्वत इसका (भारतीय महाखंड भूमि) किनारा और अफ्रीका का किनारा यहीं आपस में जुड़े थे), पूर्व में पूर्वी घाट पर्वत स्थित है.
पश्चिमी घाट का विस्तार एक समान रूप में है जबकि पूर्वी घाट बीच बीच में टुटा हुआ व असमान है, इन पठारों में खनिजों; जैसे लौह अयस्क, कोयला इत्यादि कई खनिजों की प्रचुरता है.
पश्चिमी घाट के पश्चिम में तथा पूर्वी घाट के पूर्व में तटीय मैदान स्थित हैं, पश्चिमी तटीय मैदान काफी संकरे हैं, पूर्वी तटीय मैदान अपेक्षाकृत अधिक चौड़े हैं, यहाँ पूर्व की और बहने वाली कई नदियाँ हैं, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी एवं उनकी कई छोटी छोटी सहायक नदिया जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं.
यह नदियां अपने मुहाने पर उपजाऊ डेल्टा का निर्माण करती हैं, बंगाल की खाड़ी में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के मुहाने पर विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरबन स्थित है.
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