🐯🐯🐯टोपीवाला 🐵🐵🐵
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शायद सुना हो, था एक टोपीवाला
जो टोपी लेकर घूमता था
सबको मोल देकर रंग बिरंगी प्यारी प्यारी टोपियाँ
अपनी रोजी कमाता था
टोपियां बेचकर बैठा वह पेड़ के नीचे
साथ थी पोटली जिसमें कुछ थी टोपिया बची हुई
बैठे बैठे मंद मंद हवा चली
थककर ठंडी हवा में उसकी आँख लगी
बन्दर कुछ पेड़ से देख रहे
पोटली में क्या यह सोच रहे
सोते देख उसे नीचे आये
टोपियां सभी उठा ले गए
टोपी वाले की आंख खुली
देखी पोटली अपनी खुली खुली
न उसकी कोई टोपी दिखी कहीं
टोपी वाले ने नजर दौड़ाई
दाये बाये ऊपर नीचे
टोपी मेरे कहाँ गईं
देखा ऊपर पेड़ पर बन्दर टोपी पहने बैठे हैं
देखने में किसी हीरो से कम न लगते हैं
टोपीवाले ने बंदरो से डराकर, विनती कर,
हर तरह अपनी टोपी मांगी
दे दो मुझे मेरी टोपी, मेरी यही है रोजी रोटी
बंदरो ने एक न सुनी
टोपीवाले को एक युक्ति आई
अपनी टोपी सर से उतारकर जमीं पर दे मारी
बंदर बड़े गौर से देख रहे है इसमें भी कुछ राज
तभी इसने अपनी टोपी उतारी है आज
नकलचियों ने अपनी टोपियां उतारी
नीचे जमीन पर दे मारी
टोपीवाला अपनी टोपीयां लेकर चलता बना
टोपीवाला जब बूढ़ा हुआ अपने बेटे को बुलाया
अपनी और बंदरो की यह कहानी सुनाई
सुनकर दोनों बहुत हँसे
बेटा भी टोपी बेचता था
उससे ही जीवन आगे बढ़ाता था
उसकी भी पेड़ के नीचे आँख लगी
उसको भी पोटली खुली मिली
पेड़ पर अब भी बन्दर थे पर बिना टोपी उनके सर थे
टोपीवाला का सर चकराया
कुछ समझ में उसको न आया
इसलिए वह घर लौट आया
पिता को उसने सारा वाकया बताया
पिता का भी सर चकराया
एक बार चलो फिर देखे
शायद तेरी टोपी वहीं मिले
बन्दर ऊपर बैठे थे
उनको कुछ थोड़ा चना दिया
क्यों टोपियां नहीं तुम देते हो छिपा कहाँ तुम रखते हो
बूढ़ा बन्दर भी था उनमे जो बूढ़े टोपीवाले को पहचान गया
बन्दर हम हैं चंचल हमारा सवभाव सही
नकलची हम हैं पर किसी का माल उड़ाए
ऐसा हमारा काम नहीं
चलो तुम्हारी टोपियां ढूढेंगे
न बंदरो को यूँ बदनाम करेंगे
सब मिलजुल कर आगे चले
हर दिशा में बन्दर आगे बढे
जहाँ भी टोपियां मिले आकर बताओ
टोपीवाले की टोपियां वापस दिलवाओ
एक चंपक बन्दर आया, उसने टोपियों का राज वहां सुनाया
टोपियां अब सियार और लोमड़ी के कब्जे में है
अब न वह टोपी कभी देंगे
भोले ईमानदारों को वह कई टोपिया पहना चुके
आगे भी पहनाएंगे क्योंकि टोपी भोले ईमानदारों को पहनाना
है उनका खानदानी पेशा,
हम उनसे न टोपियां ले पाएंगे
बूढ़ा बन्दर, बूढ़ा टोपीवाले हुए मायूस
क्योंकि टोपियां अब थी जिनके पास
वह नहीं थे करने लायक विश्वास
भोले ईमानदारों को अब टोपियां पहनाएंगे
उनका माल लूटकर अपना घर भरेंगे
दोनों बूढ़े हुए चिंतित,
जंगल का राजा शेर ही उनकी अब था आस
अब तो कोई शेर ही उनसे भोले ईमानदारों को बचाएगा
अगर वह सोइ हुई नींद से जाग जायेगा
पहुंचे सब मिल शेर के पास
सुनाया सियारों लोमड़ी का कारनामा
शेर को बहुत गुस्सा आया
दहाड़ा फिर समझाया
सियारो लोमड़ी की संख्या बढ़ चुकी
मेरी गिनती अब कम हुई
कहीं कहीं मैं दिखता हूँ
ऐसे अब काम न चलेगा
तुम्हे अपना अंदर का शेर भी जगाना पड़ेगा
तभी मेरी संख्या बढ़ पायेगी,
और यह धरती लोमड़ियों और सियारो से
भोले ईमानदारों को बचा पायेगी
शेर को सुनकर उनका कुछ हौसला बढ़ा
शेर बचाओ धरती बचाओ एक नारा मिला
टोपियां मिले या न मिले कोई गम नहीं
अब लोमड़ी सियारो की खैर नहीं 🐯🐯🐯👒👑
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🙏🙏🙏
English Translation
🐯🐯🐯 Topiwala 🐵🐵🐵
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Who used to walk around with a hat
Colorful hats
Used to earn a living
He sat under the tree selling caps
There was a bundle in which there was some topia left
Sit down
Cold eye got his eye
Monkeys watching from some trees
What are you thinking about this bundle
Watching him fall asleep
Caps all lifted
Hat’s eyes open
Saw the bundle open its open
Neither did he see any hat
The hat looked on
Right left top down
Where did my hat go
Seen on the tree above are wearing monkey hats
It does not take less than a hero to see
Topiwala frightened the monkeys, pleading,
Everyone asked for their hat
Give me my hat, this is my daily bread
Bandaro did not listen
The hat has a tip
Took off his hat from the head and gave it to the ground
Monkeys are watching very closely, there are some secrets in this too
Only then has he removed his hat today
Counterfeiters took off their hats
Died on the ground below
The hat-seller started walking with his caps
Caper called his son when old
Told this story of his and his brothers
Hearing both laughed a lot
Son also used to sell hats
Life used to be ahead of that only
He too got his eye under the tree
He also got the bundle open
There were still monkeys on the tree but without a cap on their head
Hats man’s head
He did not understand anything
So he returned home
He told the father everything
Father also baffled
Let’s take a look again
Maybe get your hat right there
Monkeys were sitting up
Gave them some little gram
Why don’t you give caps
The old monkey was also among those who recognized the old man
Monkey we are fickle
Imitators but we throw someone’s goods
That’s not our job
Let’s find your caps
I will not discredit monkeys like this
All together go ahead
Monkeys move in every direction
Wherever caps are found, tell us
Get the hat caps back
A champak monkey came, he told the secret of the caps there
Caps now in possession of jackal and fox
Now neither will he ever give a hat
He has worn many hats to naive believers
Will wear it further because wearing hats to naive believers
Is his family profession,
We will not be able to take caps from them
Old monkey
Because the caps now had
They Were Not Worth Believing
Naive believers will now wear caps
They will rob their property and fill their house
Both grew worried,
The lion, the king of the jungle, was his only hope
Now only a lion will save innocent people from them
If he wakes up from sleep
Arrived with all the lions
Narrated jackal fox feat
Lion got very angry
Roar explained again
The number of ciarro fox has increased
My count is down now
Somewhere i look
This will not work anymore
You also have to wake up your inner lion
Only then my number will increase,
And this earth from foxes and jackals
Naive believers will be saved
He was encouraged by listening to the lion
Save the lion save the earth got a slogan
No gum found or no caps
Now fox jackals are not good.
अदभुत कविता बहुत सुंदर पंक्तियां 😍🌹🥰
Thanks